विशेष नोट : बच्चों को सिखाने के लिए सदा कुछ नया ढूंढता रहता हूं, सो, अचानक श्री दीनदयाल शर्मा द्वारा लिखित ये पहेलियां मिलीं... डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.कविताकोश.ओआरजी (www.kavitakosh.org) के अनुसार श्री शर्मा का जन्म 15 जुलाई, 1956 को राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित नोहर तहसील के जसाना गांव में हुआ था... श्री शर्मा 'लंकेश्वर', 'महाप्रयाग', 'दिनेश्वर' आदि उपनामों से लेखन करते रहे हैं, तथा हिन्दी और राजस्थानी भाषाओं में शिशु-कविता और बाल-काव्य के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम हैं... इस पोस्ट की पहेलियों के उत्तर इसी पोस्ट के अंत में देखें...
1.
मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा,
सभी जगह सम्मान यह पाए,
पतली सी है काया जिसकी,
जलती हुई महक फैलाए...
2.
अलग-अलग रहती हैं दोनों,
नाम एक-सा प्यारा,
एक महक फैलाए जग में,
दूजी करे उजियारा...
3.
दिन-रात मैं चलती रहती,
न लेती थकने का नाम,
जब भी पूछो समय बताती,
देती बढ़ने का पैगाम...
4.
जैसे हो तुम दिखोगे वैसे,
मेरे भीतर झांको,
झट से दे दो उत्तर इसका,
खुद को कम न आंको...
5.
1.
मंदिर, मस्जिद, गिरजा, गुरुद्वारा,
सभी जगह सम्मान यह पाए,
पतली सी है काया जिसकी,
जलती हुई महक फैलाए...
2.
अलग-अलग रहती हैं दोनों,
नाम एक-सा प्यारा,
एक महक फैलाए जग में,
दूजी करे उजियारा...
3.
दिन-रात मैं चलती रहती,
न लेती थकने का नाम,
जब भी पूछो समय बताती,
देती बढ़ने का पैगाम...
4.
जैसे हो तुम दिखोगे वैसे,
मेरे भीतर झांको,
झट से दे दो उत्तर इसका,
खुद को कम न आंको...
5.
उत्तर :
1. अगरबत्ती
2. धूप
3. घड़ी
4. दर्पण
5. डॉ एपीजे अब्दुल क़लाम
2. धूप
3. घड़ी
4. दर्पण
5. डॉ एपीजे अब्दुल क़लाम
देखा --आप ने सभी उत्तर दिए हुए हैं....
ReplyDeleteबहुत ही रोचक पहेलियाँ हैं.आभार
अल्पना जी... आपका सदा स्वागत है... :-)
ReplyDeletethanks u hv given such wonderful collection.
ReplyDeleteBahut-bahut shukriya, Sachin bhai... :-)
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