'हनोई की मीनार' या 'ब्रह्मा की मीनार' एक गणितीय खेल या पहेली है, जिसे 'टॉवर ऑफ हनोई' (Tower of Hanoi), 'टॉवर ऑफ ब्रह्मा' (Tower of Brahma) या 'ल्यूकस टॉवर' (Lucas' Tower) भी कहा जाता है... इंटरनेट पर इस पहेली या खेल के बारे में अंग्रेज़ी में बहुत-सी जानकारी उपलब्ध है, लेकिन हिन्दी में कहीं भी विस्तार से कुछ नहीं मिला, सो, मैंने सोचा, क्यों न आपने पाठकों के लिए इस बेहद रोचक और मज़ेदार खेल के बारे में एक पोस्ट डाल दी जाए... वैसे, इंटरनेट पर इसे 'हनोई का टॉवर (Tower of Hanoi), 'ब्रह्मा का टॉवर' (Tower of Brahma) या 'लुकास टॉवर' (Lucas' Tower) के नाम से भी खोजा सकता है...
'ब्रह्मा की मीनार' (Tower of Brahma) को तीन सलाखों और अलग-अलग आकार की कुछ चपटी गोटियों (कैरम बोर्ड जैसी गोटियों) से खेला जाता है, जिन्हें सलाखों में पिरोया जा सके... पहेली की शुरुआत किसी भी एक सलाख पर सभी गोटियों को एक-दूसरे के ऊपर बढ़ते क्रम में लगाकर की जाती है (यानि सबसे छोटी गोटी सबसे ऊपर), ताकि शंकु (Cone) की आकृति मिल सके... पहेली का उद्देश्य है, सभी गोटियों को उसी आकार में अंतिम सलाख तक ले जाना, जिसके लिए कुछ शर्तों का पालन करना ज़रूरी है...
वैसे, सलाखों और अलग-अलग आकार की गोटियां जुटाने का तामझाम काफी मुश्किल साबित हो सकता है, सो, आप लोगों की जानकारी के लिए बता देना चाहूंगा कि मैंने अलग-अलग आकार के चार ढक्कनों (बोतलों के ढक्कन) से यह खेल खुद भी खेला, और अपने बच्चों को भी सिखाया... अब तो मेरे दोनों बच्चे - सार्थक और निष्ठा - भी 15 चालों में चार ढक्कनों से बनी 'ब्रह्मा की मीनार' (Tower of Brahma) को हल कर लेते हैं... और हां, इसमें सलाखों की भी ज़रूरत नहीं पड़ी... सो, इसी तरह की मिलती-जुलती चीज़ों से आप भी इसे तैयार कर सकते हैं, और खेल सकते हैं... यकीन मानिए, बहुत आनंद आएगा...
10 जनवरी का अपडेट : कल रात को थर्मोकोल के टुकड़ों से काट-काटकर बच्चों को 'हनोई का टॉवर' बनाकर दिया, जिसमें उनकी पेंसिलों ने सलाखों का काम किया... दोनों कल रात से बहुत खुश हैं... और आज सुबह पांच गोटियों वाले 'हनोई के टॉवर' को 31 चालों में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं... देखिए कल रात की तस्वीर...
- एक बार में सिर्फ एक गोटी को स्थानांतरित किया जा सकता है...
- हर चाल में किसी भी सलाख से सबसे ऊपर मौजूद सिर्फ एक गोटी को हिलाया जा सकता है, और उसे किसी भी अन्य सलाख पर सबसे ऊपर ही रखा जा सकता है...
- किसी भी समय किसी भी गोटी को खुद से छोटे आकार की गोटी के ऊपर नहीं रखा जा सकता...
10 जनवरी का अपडेट : कल रात को थर्मोकोल के टुकड़ों से काट-काटकर बच्चों को 'हनोई का टॉवर' बनाकर दिया, जिसमें उनकी पेंसिलों ने सलाखों का काम किया... दोनों कल रात से बहुत खुश हैं... और आज सुबह पांच गोटियों वाले 'हनोई के टॉवर' को 31 चालों में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं... देखिए कल रात की तस्वीर...
कुछ साल पहले यह पहेली अपने एक मित्र के घर पर उसके बच्चों के साथ खेली थी, विवेक जी. अच्छा किया, याद ताज़ा कर दी.
ReplyDeleteजवाब तो भेजो, अध्ययन... ;-)
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ReplyDeleteTumhaara jawaab bilkul sahi hai, Adhyayan... Badhaai... :-)
DeleteJawaab to bhej diya hai, lekin pata nahin, sahi tareeke se samjha paaya hoon ya nahin. Please bahut dhyaan se padhiyega, varna dobaara koshish karoonga.
ReplyDeleteEk baar to ajeeb laga tumhaara tareeka, lekin samajhne mein khaas dikkat nahin huyee... Vaise bhi isko samjhaane ke liye kuchh aur behtar tareeka mujhe bhi nahin soojh raha hai...
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ReplyDeleteThanks for visiting this page, Mr Ciril Petr... :-)
DeleteBut I would like to request you, not to put any links, which lead the users to any pages, created to serve commercial purposes...
I would appreciate if you would rather put links of the informative articles you may have written about this puzzle 'Towers of Hanoi'...
Our book is far from commercial, it is a result of a huge amount of work. We even avoided .com domain name and chosen .info. Through links and material on tohbook.info you can find exactly what you asked for.
DeleteDear Mr Petr... You must have worked really very hard to write this book... I would love to have a copy of the same, and going to look for this at a bookshop near me...
DeleteActually, what I meant with the word 'commercially' was, the pages which sells anything... And though the book is a piece of information, but the page sells it...
Anyways, since the book seems to be really interesting to me, I am putting the link of your page...
http://tohbook.info is a page about the book 'The Tower of Hanoi – Myths and Maths', authored by Andreas M Hinz, Sandi Klavzar, Uros Milutinovic and Ciril Petr...
Arre waah, bachchon ko bilkul apne jaisa banaakar maanenge aap, Vivek ji. Vaise aapka beta to bilkul aapke jaisa hi lag raha hai.
ReplyDeleteHaan, sahi kaha, Adhyayan... Bilkul mere jaisa hi dikhta hai mera beta... :-)
DeleteBihu, Makar Sankranti, Pongol aur Lohri ki bahut bahut badhaiya...
ReplyDelete.
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Acha laga aapko aur Prakash Govindji ko dubara Active dekh kar
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Nistha aur Sarthak dono hi bade cute hai..........ab jyada maza ayega aapki paheliyo me inhe imagine kar ke.
AAPka AAPna...........(ha ha aaj kal trend me hai AAP highlight karna)
Atul bhai, sabhi parvon ki tumhe aur tumhaare parivaar ko bhi haardik shubh-kaamnaayein... :-)
DeleteMere bachchon ki taareef ke liye bahut-bahut shukriya, dost... Dil khush hota hai... :-)
sir g mujhe lagta hai iska answer nahi hai phir bhi main aapse poochta hu
ReplyDelete20 Piejon Hain
Unko Udana Hai Aur 5 Bar Main Udana Hai Lekin Unko Sam Ank Main Nahi Uda Sakte Jaise
2 Piejon Ek Saath Nahi Ud Sakte Ya Phir 2,4,6,8,10,12,14,16,18 Bhi Nahi Ud Sakte AAp Iska Answer Batao
Ek Ank 2 Bar Bhi Likh Sakte Hain Jaise 5,5,1,1,1,3,3,3, aise
In kabootaron mein apni taraf se ek kabootar jod do, aur uske baad 1, 3, 3, 7, 7 ke lots mein uda do... LOL
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ReplyDeleteAnmol, teen gotiyon ke hisaab se tumhaara jawaab sahi hai... Badhaai... Lekin ab chaar gotiyon waala jawaab bhi bhejo... :-)
Deletevivek sir ji jo aap ne answer diya hi kya wah right hi
ReplyDeleteagar ishi jagh par 30 kabuter ko 7 bar me udna ho to uska answer kya hoga
Vinay bhai, mujhe to wohi jawaab mumkin laga...
DeleteAur rahi baat 30 kabootaron ko 7 baar mein udaane ki, to 5 kabootar apne paas se jod do, aur phir unhe 5-5-5-5-5-5-5 ke lots mein uda do...